वन मंडल अधिकारी बोले रेंजर को किया निर्देशित
250रूपये कि रसीद फिर भी पर्यटको को नहीं मिल रही सुविधा
दमोह। बरसात का मौसम शुरू होते ही लोग प्रकति का नजारा देखने के लिए बडे ही आतुर रहते है ऐसा ही जिले का एक पर्यटन स्थल है जो इन दिनों लोगों के लिए आकर्षण का केंन्द्र बना हुआ है हम बात कर रहे है जिले के जबेरा तहसील के अंतर्गत सिंग्रामपुर की जहाँ बारिश के दिनों में सैलानियों कि संख्या बढ़ रही है जो परिवार के साथ प्रकृति कि सुन्दरता का नजारा देखने दूर दूर से आ रहे है लेकिन असुविधाओं के चलते मायूस होकर घर चले जाते है ऐसा ही मामला मंगलवार को देखने मिला जब मीडिया की टीम सिंग्रामपुर के निदानकुंड और नजारा पॉइंट देखने को पहुंची तो यहाँ का नजारा मन को मोह लेने वाला तो था,लेकिन यहाँ की जो तस्वीरें थी वह चोंका देने वाली थी लोग सीमेंट से बनी रेंलिंग को पार कर अपनी जान की परवाह ना करते हुये नीचे उतर रहे थे जो एक खतरे से खाली नहीं है थोड़ी सी चूक किसी कि जान भी जा सकती है वहीं बता दे की नीचे ना जाने के लिए संकेतक बोर्ड तो लगाया गया है लेकिन वन कर्मी की सुरक्षा ना होने से यहाँ लोग बेधड़क रेलिंग से नीचे उतर जाते है वहीं कुछ वर्ष पूर्व नजारा पांइट से एक की मौत भी हो चुकी है फिर भी वन कर्मियों की लापरवाही के चलते यहाँ रोक टोक नहीं है
चौकीदार को नहीं है संबंधित विभाग की जानकारी
वही इस स्थल के अन्दर प्रवेश करने के लिए लोगों से 250से लेकर 400रूपए कि रसीद भी काटी जाती है और यहाँ एक चौकीदार इन रसीदो को काटकर देता है लेकिन उसके पास संबंधित विभाग की किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है जब चौकी दार से यहाँ की सुरक्षा के लिए तैनात सिपाही के बारे में पूछा तो कुछ भी कहने से बचते नजर आया
पर्यटक बोले, नहीं है सुरक्षा का इंतजाम
वहीं इस पॉइंट का नजारा देखने जबलपुर से आए एक सैलानी से बात की तो उसने बताया की यहाँ घूमने आना खतरों से खाली नहीं है यहाँ तैनात कोई भी वन कर्मी मौजूद नहीं रहता है जिससे हादसे का हमेशा खतरा मंडराता है और वही यहाँ जंगली जानवरों का डर बना रहता है गौरतलब है कि इस पांइट पर पूर्व में भी एक दुर्घटना घटित हो गई थी फिर भी विभागीय अधिकारी कर्मचारी नजरअंदाज बने हुए है शायद उनको किसी दूसरी घटना का इंतजार है यहाँ घूमने वाले सैलानी अपने आप में ठगा सा व असुरक्षित सा महसूस करते है
मामले में वन मंडल अधिकारी महेंद्र सिंह उइके से बात की तो बताया कि एसडीओ से बात कर ले वही कहा कि मैंने रेंजर को निर्देशित किया है वहीं पास जो चौकी है उनकी भी सहायता ले।
वहीं जब एसडीओ आर सी चौबे से संपर्क किया तो उनका कहना है कि में किसी भी प्रकार का वर्जन नहीं देता हूं आप डीएफओ से बात कर ले।