अनुरोध शुक्ला की रिपोर्ट सिंगरौली / न्याय के लिए दर-दर भटक रहे बर्खास्त पटवारी अनशन बैठने पर मजबूर

  • Nov 02, 2022
  • Pushpanjali Today

news_image

उपखंड कार्यालय के सामने 14 नवंबर से शुरू होगा अनशन, अपील की सुनवाई न करने का लगा है आरोप

 सिंगरौली जिले के देवसर तहसील अंतर्गत एक चर्चित बर्खास्त पटवारी का मामला गरमाया हुआ है।दरअसल आरोप लगाए जा रहे हैं कि पटवारी निर्दोष हैं उन्हें गलत आरोप लगाकर बर्खास्त किया गया है। तथा बर्खास्त करने के बाद पटवारी द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष अपील की गई थी जिस पर कोई सुनवाई नहीं हुई तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच भी नहीं किए इसी वजह से पटवारी को आज तक न्याय नहीं मिल सका है।जबकि यह मामला करीब 10 वर्ष पुराना है अब तक पटवारी को न्याय मिल जाना चाहिए लेकिन विभाग की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते पटवारी न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं और उन्हें आज तक न्याय नहीं मिल पा रहा है। मामले के संबंध में बताते हैं कि तहसील उपखंड एवं जिले के संगठित गिरोह द्वारा पटवारी हरिशंकर शुक्ला को जानबूझकर सेवा से पृथक कराया गया था ।बता दें कि उक्त मामले में तत्कालीन हल्का पटवारी राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार उपखंड अधिकारी एवं जिले के अधिकारी एवं कुछ विभागीय कर्मचारियों के द्वारा गलत आरोप लगाकर वर्ष 2010-11 में पटवारी को सेवा से पृथक किया गया है।जबकि पटवारी का ट्रांसफर रिलीव हो जाने के बाद योजनाबद्ध तरीके से अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा अपने आप को फंसता देख पटवारी को अकारण फंसा दिए। 10 वर्ष पूर्व उक्त मामले में जब नया मोड़ आया तो पता चला कि ग्राम कठदहा तत्कालीन तहसील देवसर के राजस्व खसरे में पदस्थापना के दौरान पटवारी के अभिरक्षा में रखे खसरे सुरक्षित थे,जिसको पटवारी द्वारा अभिलेखागार में जमा भी करा दिया गया था।इसके बावजूद भी मध्यप्रदेश शासन की भूमि के स्थान पर भूमि स्वामी स्वत्व खसरे में सफेद स्याही से मिटाकर पुनः मध्यप्रदेश शासन दर्ज कर झूठा आरोप लगाकर पटवारी को सेवा से पृथक कराया गया है।सूत्रों से मिले साक्ष्य तो यह भी बताते हैं कि उस दरमियान उक्त अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा जिले के कलेक्टर कार्यालय में रखा राजस्व अभिलेख बंदोबस्त से पहले खतौनी 1958-59 एवं वर्ष 1981-82 से वर्ष 1984-86तक के राजस्व अभिलेखों में भी मध्यप्रदेश शासन की भूमि पर भूमि स्वामी लिखा गया है।इतना ही नहीं बल्कि उक्त अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा उपखंड कार्यालय देवसर में रखे कई विभिन्न राजस्व अभिलेखों में भी सफेद स्याही लगाकर विभिन्न फर्जी प्रविष्ठियां दर्ज कर कई अनैतिक लाभ लिया गया है।उक्त अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा ग्राम कठदहा तत्कालीन तहसील देवसर के राजस्व रिकॉर्ड के साथ कई विभिन्न ग्रामों की मध्यप्रदेश शासन स्वत्व की भूमियों को बगैर किसी आदेश हवाला के ही दर्ज कर दिया गया है।मजे की बात तो यह है कि उक्त मामले में संलिप्त अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा ग्राम कठदहा तत्कालीन तहसील देवसर में अपने साथियों के नाम करने के साथ-साथ ग्राम कर्री में भी अपने परिवार जनों के नाम भी मध्यप्रदेश शासन की भूमि का भूमि स्वामी स्वत्व प्रदान किया गया है। यहां तक की संलिप्त उक्त मामले में अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा सफेद स्याही की प्रथा तहसील उपखंड एवं जिले के राजस्व अभिलेखों पर चलाकर कई ग्रामों की भूमि एवं विभिन्न आदेशों में सफेद स्याही का प्रयोग करते हुए कई नामों का फेर-बदल किया गया है।वहीं बर्खास्त निर्दोष पटवारी के साथ न्यायोचित कार्यवाही नही की गई जिस वजह से पीड़ित पटवारी न्याय व्यवस्था से असंतुष्ट होकर 14 नवंबर से उपखंड कार्यालय देवसर के सामने अनशन शुरू करेंगे


अपील पर सुनवाई न करने का लगा है आरोप


इस पूरे मामले में पटवारी ने आरोप लगाया है कि बर्खास्त होने के बाद उन्होंने वरिष्ठ न्यायालय कलेक्टर के समक्ष अपील की थी जिस पर कोई सुनवाई नहीं की गई , प्रकरण क्रमांक 25/अपील 2011-12 एवं विभिन्न प्रमाणित दस्तावेजों के साथ कई वरिष्ठ कार्यालयों में जांच हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किए जाने के बाद भी न तो उक्त अपील प्रकरण पर कोई कार्यवाही की गई और ना ही विभिन्न कार्यालयों में दिए गए शिकायती आवेदनों पर कोई जांच की गई, आरोप लगाए जा रहे हैं कि अपील की सुनवाई इसलिए नहीं की गई क्योंकि सुनवाई की जाती तो सुनवाई से पूर्व जांच की जाती है और जांच होती तो विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी जांच की चपेट में आ जाते हैं और उन पर कार्यवाही हो जाती इसलिए सिर्फ पटवारी को बलि का बकरा बनाया गया है।

COMMENTS

ARTICLES BY AUTHOR

Nil Kumar

Columnist

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका

राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक

कमल राठौर साहिल शिवपुर मध्य प्रदेश

लेखक

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका,स्वरचित मौलिक