जैसे वैसे 20 साल और लगभग 22 वर्ष संघर्ष के उपरांत भारतीय जनता पार्टी की सरकार ट्रांसफर पॉलिसी नहीं बना पाई थी उसके बाद कांग्रेस की 15 महीने की सरकार ने ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी बनाई थी शिक्षा विभाग की आज ऑनलाइन उस पॉलिसी को दरकिनार करके ऑफलाइन कर दिया सरकार ने इतना भ्रष्टाचार हो रहा है कि संकुल प्राचार्य से लेकर विकास खंड शिक्षा अधिकारी हालांकि सभी नहीं परंतु कुछ जगह स्थानांतरण चाहने वाले आवेदन पर 500 से 1000 रुपए संकुल प्राचार्य की रेट है हस्ताक्षर करवाने की एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारी की रेट ₹5000 है ऐसा भ्रष्टाचार पहले कभी देखने को नहीं मिला शिवपुरी जिले के विकासखंड खनियाधाना की बात ही अलग है बह खुले में संकुल प्राचार्य पैसा लेकर हस्ताक्षर कर रहा है ट्रांसफर के आवेदन पर जब यह मामला मेरे संज्ञान में आया तब इस मामले को लेकर जब मेरे द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी महोदय से बात की गई तब उन्होंने बताया यदि ऐसा है तो इस मामले की जांच करवाएंगे और संबंधित को कड़ी से कड़ी सजा देंगे हालांकि भ्रष्टाचार जबसे जिला शिक्षा अधिकारी श्री समर सिंह राठौर आए हैं तब से स्कूलों की हालत भी सुधरी है और भ्रष्टाचार भी कम हुआ है