गरियाबंद – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय सदस्य प्रमोद चौधरी ने गुरूवार को धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृध्दि, किसान सम्मान निधि में वृध्दि करने और जीएम सरसों की खेती को लेकर मिली अनुमति को निरस्त करने की तीन सुत्रीय मांग को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में 19 दिसंबर को किसान गर्जना रैली का आयोजन करेंगे। यह रैली दिल्ली के रामलीला मैदान में होगी। इसमें छत्तीसगढ़ से दो हजार किसान सम्मिलित होंगे। उक्त बाते अखिल भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय सदस्य एवं भारत एग्रो इकोनामी के अध्यक्ष प्रमोद चौधरी में गरियाबंद में पत्रकारवार्ता में कही।
उन्होने कहा कि किसान हित के तीन सुत्रीय मांगो को लेकर भारतीय किसान संघ राष्ट्रव्यापी आदोंलन की तैयारी में है। इसमें सरसो (जीएम यानी जेनेटिकली माडिफाइड) सरसों के खेती करने की अनुमति को निरस्त करने की मांग करेंगे। कारण कि बिना किसी अनुसंधान के इसकी अनुमति दी गई है। इसे लेकर कृषि वैज्ञानिक भी असमंजस्य में है। इसके अधिक उपजाऊ होने का दावा गलत निकला तो इसके नफा नुकसान को लेकर कोई मापदंड ही तय नहीं किया गया है। इसे उगाने से पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ सकता है। इस सरसों का मधुमक्खियों, कीट पतंगों, परागण की प्रक्रिया पर क्या प्रभाव होगा इस पर कोई अनुसंधान नहीं हुआ है। जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी(जीईएसी) के पास कोई सबूत नहीं है और अनुमति दे दी। इसके लेकर किसान संघ विरोध कर रहा है।
इसके अलावा धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की भी मांग है। कारण कि आज किसानों ने भरपूर उत्पादन कर देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है किंतु किसान को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है लेकिन किसानों के लागत के आधार पर मूल्य मिलना चाहिए। किसानो को कई प्रकार के खर्च होते है लेकिन उनके अनुरूप समर्थन मूल्य नही मिल रहा है। इसके साथ ही हम किसानो को मिल रही किसान सम्मान निधि योजना के राशि को बढ़ाने की मांग कर रहे है। प्रति वर्ष 6 हजार रूपए काफी कम है। जो कि किसानो के लिए काफी कम है।
बैठक में प्रदेश संगठन मंत्री तुलाराम साहू समेत अन्य मौजूद रहे।