बेंगलुरू,सीरवी समाज ट्रस्ट कर्नाटक बलेपेट वडेर के तत्वाधान में चातुर्मास विराजित संत रामप्रकाश ने कहा कि व्यक्ति को अपने भीतर भाव व श्रद्धा रूपी मीरा को जीवित रखना चाहिए।मीरा ने अपने जीवन में अनंत कष्टो को सहन करते हुए द्वारिका में जाकर भगवान द्वारिकाधीश की मूर्ति में समा गई।और इस कालिकाल में जनमानस के हृदय में परमात्मा के प्रति प्रेम सरिता बहाई। कथा में पूर्व सचिव ओमप्रकाश बर्फा ने भजनों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर वडेर के सचिव अमराराम चोयल, राजूराम बर्फा, वालाराम काग, मांगीलाल सहित समाज के अनेक गणमान्य मौजूद थे