जबकि बच्चियों स्वयं ही स्कूल जाने के लिए मदद मांगी थी।
जिसके एवज में शेर सिंह नाम का सरदार बच्चियों को अपनी गाड़ी में बिठाकर स्कूल के आगे छोड़ देता है।
और वही बच्चीयों को ऐसा लगता है कि वह उनका अपहरण करके कहीं और ले जा रहा है क्योंकि गाड़ी स्कूल से 100 मीटर आगे रूकती है। इसलिए वह चलती गाड़ी में से खुद जाती है जिससे कारण बच्चि को कुछ चोटे आ जाती हैं जिससे गबराह कर सरदार लड़की का इलाज कराने के लिए हॉस्पिटल ले जाने को बोलता है लेकिन लड़की इलाज अपने मां-बाप के साथ ही करवाना चाहती है इसलिए वह सरदार के साथ में नहीं गई इस पर सरदार लड़की को कुछ पैसे देकर चला जाता है।
तेंदुआ थाना प्रभारी के अनुसार मामला अपहरण का नहीं है
यह गलतफहमी लोगों ने फैला दी जबकि सरदार हमेशा इन लड़कियों को लिफ्ट देता रहता है