भिण्ड । अटेर विधान सभा अंतर्गत पावई मंदिर में सफाई का अभाव तथा बाहर से दिल्ली बंबई जैसे बड़े शहरों से आने वाले भक्तो को पानी की भी व्यवस्था का अभाव आदि समस्याओं को देखते हुए आसपास के गांवों के 450 युवाओं ने एक ग्रुप बनाकर पावई माता मंदिर की व्यवस्था को सम्हाला , हर संडे मंदिर की धुलाई की जाती हैं,और सभी सदस्य मिलकर प्रति सोमवार हजारों भक्तो के लिए भंडारे की व्यवस्था करते हैं तथा पानी पीने की व्यवस्था करते हैं जो की सरहनीय कदम है,प्रेस को जारी विज्ञप्ति में ग्रुप की तरफ से बताया गया ,जिले का सबसे पुरानी माता की शक्ति पीठ है ,जिन्हे करौली वाली माता की छोटी बहिन माना जाता है,यहां औरंगजेब भी माता की प्रतिमा को हाथ तक नहीं लगा पाया था,माता के दरबार में जो आया कभी खाली हाथ नहीं गया, लेकिन दुर्भाग्य देखिए इस स्थान का न तो जीर्णोधार हुआ और नही मंदिर मार्ग से लेकर अन्य ब्यवस्थाये सुद्रण की गई, लेकिन मां पावई वाली की कृपा से आसपास के नौजवानो में ऐसी प्रेरणा आई की बिना सरकार के सहयोग से जय मां पावई वाली भक्त मंडल ने सारी सेवाए निस्वार्थ भाव से सम्हाल ली है जो की प्रसंशनीय है ।