रिपोर्टर -प्रतिश अग्रवाल
पुष्पांजलि टुडे
मधुसुदनगढ़-: जिस प्रभारी प्राचार्य के पद पर रह कर जैनेंद्र सोलंकी को भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किया गया था। उस पूरे प्रकरण की पूर्ण जांच हुई नही और ना ही दोष मुक्त किया गया।फिर भी जिला अधिकारियों से साठगांठ कर वह वापस मधुसुदनगढ़ में प्राचार्य की कुर्सी पर दोबारा बैठ गया है, प्रभारी प्राचार्य जैनेंद्र सोलंकी की मनमानी देखिए कि उसका स्थानांतरण जामनेर हायर सेकेंडरी स्कूल में हो गया है पर वह रिलीव नहीं हो रहे हैं मधुसूदनगढ़ से जाने का नाम नहीं ले रहे हैं क्योंकि यहां सत्संग केंद्र के जन्म पर चांदी कूटी जा रही है प्रशासन के मद्रासी का मनमर्जी के कार्यों को दिखाकर राशि हजम कर खुर्दबुर्द की जा रही है।और इसमें पूरा सहयोग हो रहा है जिला शिक्षा विभाग कार्यालय का जो इनको मधुसुदनगढ़ से रिलीव नहीं होने दे रहा है क्योंकि वह दूध देती गाय है।जबकि जैनेंद्र सोलंकी दूसरे शिक्षको को रिलीव करने पर तुले हुए हैं जबकि खुद का ट्रांसफर हो गया है।खुद जाना नही चाहते है।अन्य शिक्षको के ट्रांसफर लिस्ट में नाम होने से उनको रिलीव के लिए दवाब बना रहे हैं सूत्रों से जानकारी मिली है कि कुछ शिक्षको ने कलेक्टर से शिकायत की हैं की प्रभारी प्राचार्य द्वारा शिक्षको को रिलीव करने के लिए पैसे मांगे जा रहे है अब शासन तय करे कि ऐसे भ्रष्टाचारी शिक्षक को जिसने अपने पद का दुरुपयोग किया हो जिसके ऊपर ऐसे संगीन आरोप लगे हो जो अभी दोष मुक्त नही हुआ है। उसको प्रशासन ने आंखे मूंदकर कैसे इतनी बड़ी प्राचार्य पद की जिम्मेदारी दे दी है जबकि इसी संस्था में योग्य वरिष्ठ शिक्षक उपलब्ध हैं