दंदरौआ धाम में चल रहा है गुरु महाराज का वार्षिक महोत्सव
भिण्ड। भगवान की कथा में मन को बांध कर रखना पड़ेगा। मनुष्य का मन बड़ा चंचल होता है, इसको अगर बांध कर नहीं रखोगे तो यह दूसरी जगह भाग जाता है। भगवान उसी मनुष्य को बुलाते हैं जिस पर भगवान की कृपा होती है। वही मनुष्य डॉक्टर हनुमानजी के दर्शन करने मंदिर में प्रवेश करता है जिस पर भगवान की कृपा होती है। यह उद्गार दंदरौआ धाम में गुरु महाराज मंहत बाबा पुरुषोत्तमदास जी की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहे 27 वे वार्षिक महोत्सव के अवसर पर कथा वाचक अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले द्वारा शिव महापुराण की कथा के दौरान प्रवचन करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि इस संसार में मनुष्य जिस वस्तु को नहीं प्राप्त कर पता है तो उसको प्राप्त करने के लिए मनुष्य नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करता है। अगर एक तरीका से वह वस्तु प्राप्त नहीं होती तो दूसरा तरीका लगता है। दूसरा तरीका अगर फेल हो जाता है तो तीसरा तरीका लगता है। इसी प्रकार हमें भगवान की प्राप्ति के लिए नए-नए तरीके लगाने चाहिए। एक मां अपने पुत्र को जब रोटी परोसती है तो एक साथ सभी रोटियां उसकी थाली में नहीं रखती वह एक एक करके रोटी अपने पुत्र को देती है।
उन्होंने कहा कि जब पुत्र अपनी मां से रोटी मांगता है कि मां मुझे एक रोटी दे दो तो मां के मन में बहुत प्रसन्नता होती है जबकि वह जानती है कि पुत्र चार रोटी ही खाएगा। इसी प्रकार हम महादेव के चरणों में रोज एक लोटा जल समर्पित करते हैं, तो भगवान महादेव को भी प्रसन्नता होती है। शिव महापुराण कथा का वाचन दोपहर एक बजे से सायं 4 बजे तक किया जा रहा है। कथा का आयोजन 28 नवम्वर से 2 दिसम्बर तक होगा। यज्ञ पूजन प्रात: 7 बजे से 10 बजे तक रहेगा कार्यक्रम में यज्ञाचार्य पं. रामस्वरूप शास्त्री अपने-अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षित श्रीमती साधना -अखिलेश तिवारी तथा कार्यक्रम की व्यवस्था वृंदावन धाम के महंत श्रीश्री 108 राधिकादास महाराज देख रहे हैं। इस मौके पर राधेराधे महाराज, महंत रामभूषणदास जी महाराज खनेता धाम, महंत कालिदास महाराज तेजपुरा, रामवरन पुजारी, समाजसेवी नाथूराम चुरारिया, मनीष महाराज, जलज त्रिपाठी, रामहरी शर्मा एडवोकेट, पवन शास्त्री, नरसी दद्दा, हरिओम बरूआ सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।