डॉ प्रहलाद शर्मा ने साझा किए अयोध्या यात्रा व पुण्य स्थान के शिविर के पल

  • Jan 15, 2024
  • Pushpanjali Today

news_image

मेहगांव। डॉक्टर प्रहलाद शर्मा ग्राम सोनी तहसील मेहगांव जिला भिंड द्वारा कर सेवा के अनुभव साझा किया 

कार सेवा के लिए हम अपने गांव से शांतिलाल जैन प्रभु दयाल शर्मा रविंद्र शर्मा एवं कमलेश जी जैन मेहगांव के साथ सन 1992 में गए थे कार सेवा के लिए रास्ते में भजन कीर्तन करते हुए हर्षोल्लास के साथ अयोध्या पहुंचे थे अयोध्या पहुंचने पर समस्त प्रदेशों के शिविर अलग-अलग बनाए गए थे जिसमें हम लोगों को रोका गया था। वहां पर मेहगांव के समस्त लोगों के साथ हम अपने शिविर में रुके थे। एक दिन बाद शाम को माननीय अनिल ओक जी का बुलावा आया की जो लोग अपनी स्वेच्छा से बलदानी जस्ट में आना चाहे वह अपने नाम भेजें मैंने अपने सिविर से अन्य साथियों के साथ बलदानी जत्था में अपना नाम भेजा एवं स्वयं जिन लोगों ने बल दानी जत्था में नाम भेजा था उनके लिए एक पेड़ के नीचे ट्रेनिंग का आयोजन रखा गया था जिसमें संजीव कांकर जी लाल सिंह आर में स्वयं डॉक्टर प्रहलाद शर्मा ने दो दिन प्रशिक्षण प्राप्त किया। हम लोगों को वहां पर रस्सा गेती व अन्य सामग्री दी गई थी जिसमें मुझे गुमद के पश्चिम दिशा से अपने साथ जितेंद्र सिंह जादौन ओम प्रकाश शर्मा रामगोपाल शर्मा के साथ लेकर जाने की जिम्मेदारी मिली थी 6 दिसंबर 1992 को हम सभी लोग गुप्त रूप से माननीय अनिल ओक जी द्वारा बताए गए स्थान पर अपने-अपने साथियों को लेकर पहुंचे थे। गुंबज के पास ही एक कमरे की छत पर मंच बनाया गया था जिस पर राजमाता विजयराज सिंधिया साध्वी उमा भारती जी के संबोधन के बाद जैसे ही दीदी ऋतंभरा ने अपना उद्बोधन शुरू किया इस समय जय श्री राम का नारा लगाते हुए हम लोग आगे बढ़े और वह क्षण हमको आज भी याद है जिसमें विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अशोक सिंघल जी ने  पश्चिम दिशा से ही आकर हमारे कंधे पर हाथ रखा था और देखते ही देखते कुछ क्षणों में गुंबद टूट गया हम लोगों के साथ गए पुत्तू बाबा मेहगांव का देहांत हो गया एवं वहां पर लोगों के द्वारा बचाई गई गुंबद की ईंट भी नहीं छोड़ी हमारे साथ गए कमलेश जैन जी  एवं अन्य लोग हमारे लिए बहुत चिंता में थे जब जब मैं शाम को अपने शिविर में पहुंचा तो लोगों ने गले लगा लिया और खुशी जाहिर की इसके बाद कर्फ्यू लग गया था दो दिन बाद हम लोगों को ट्रेन के द्वारा वापस भेजने की व्यवस्था की गई थीजिसमें बोगी में  हमारे साथ दीदी प्रज्ञा दोनों बहने भी थी रास्ते में कुछ सामाजिक तत्वों के द्वारा गाड़ी को घेर लिया सभी लोग घबरा गए थे जिसमें बहन प्रज्ञा ने दुर्गा रूप रखा हम सबको साथ में लेकर काफी दूरी तक आसामाजिक तत्वों को भगाया उसके बाद ट्रेन से हम लोग अपने-अपने गांव आए 22 जनवरी को बनने जा रहा श्री राम लला का भव्य मंदिर हमारे जीवन में सबसे बड़ी खुशी का पल है।

COMMENTS

ARTICLES BY AUTHOR

Nil Kumar

Columnist

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका

राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक

कमल राठौर साहिल शिवपुर मध्य प्रदेश

लेखक

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका,स्वरचित मौलिक