हाँ मैं देवभोग हूँ मैं ही देवभोग हूँ जहाँ की पहचान दुनिया को पहचान बताती है , प्रमेश अवस्थी रिपोर्टर देवभोग

  • Nov 25, 2022
  • Ashwani Awasthi Pushpanjali Today

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हाँ मैं देवभोग हूँ मैं ही देवभोग हूँ

जहाँ की पहचान दुनिया को पहचान बताती है ,

प्रमेश अवस्थी रिपोर्टर देवभोग

बहुत लोग आए , चले गये , किसी को भला यहाँ कौन याद करता है , तकलीफ़ तो तब होती है , जिन्होंने अपने सर्वस्व का त्याग कर मात्र देवभोग के लिए लड़ा , लड़ते लड़ते देवभोग की मिट्टी को चंदन बना डाला ऐसे हुत आत्माओं को याद करना भी हमारा दाइत्व होता है , समय का अपना बोल बाला है परन्तु जिन्होंने अपना जीवन तक राष्ट्र हेतु इंगित कर दिया , उनके समक्ष समय को भी बौना देखता हूँ ।आप सब को इंसानों का भीड़ स्पष्ट दिख रहा होगा , थोड़ा नरमुण्ड से नज़र हटाएँगे तो कहीं दूर , अपने चेहरे को ढके हुए एक मूर्ति नज़र आएगी , क्या लगता है इनकी क्या पहचान होगी , या फिर कोई परिवार लड़ भीड़ कर ऐसे ही मूर्ति को रख दिये , जो इंसानों से नज़र नहीं मिला पा रहे इस लिए इनका चेहरा ढका है , या फिर ये वही स्वतंत्रता सेनानी है जिनका मात्र नाम ले लेने से हमारा सीना ५६ इंच चौड़ा हो जाता है । धन्य है देवभोग धन्य है देवभोग कि माटी , धन्य है देवभोग को अलोकिक नेता , वो परिवार जिन्होंने समाज व राष्ट्र के अपना सर्वश्व को न्योछावर कर दिया वो आज भी सिर्फ़ एक टक नजरे उनको देखने मात्र को तरस रहें हैं ,परिवार सरकार से पैसा तो नहीं माँग रही बस कह रही मुख्या जी आप के हाथों से सिलान्यास चाहते हैं ,  आख़िर कब होंगे पंडित श्याम शंकर मिश्र के प्रतिमा का सिला न्यास , भाजपा वाले , कांग्रेस वाले , आप वाले सब , कहीं ना कहीं देवभोग वाले सब होंगे , 

मेरा निवेदन 

एक बार निज स्वार्थ को छोड़ देवभोग के स्वाभिमान के प्रति विचार ज़रूर करेंगे

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Nil Kumar

Columnist

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका

राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक

कमल राठौर साहिल शिवपुर मध्य प्रदेश

लेखक

आशी प्रतिभा दुबे

स्वतंत्र लेखिका,स्वरचित मौलिक