समाजसेवी राजा भैया ने अपने जन्मदिवस पर विद्यालय को दिया स्मार्ट क्लास का उपहार
पुष्पांजली टुडे न्यूज
ग्वालियर । यदि कार्य के प्रति लगन सच्ची हो तो कोई भी लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। जिला योग प्रभारी दिनेश चाकणकर की कड़ी मेहनत और लगन से शासकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीमहल ग्वालियर को सफलता की उंचाइयों पर पहुंचाया है। समाज के सहयोग से यह विद्यालय आज किसी कॉन्वेंट विद्यालय के बराबर है इसका श्रेय श्री चाकणकर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तथा समाजसेवी अंजली बत्रा को देते हैं।
पांच वर्ष पूर्व श्री चाकणकर की पदस्थापना जब इस विद्यालय में हुई उस समय यह विद्यालय मात्र एक कमरे में चलता था। बारिश में विद्यालय की दीवारों में सीलन आ जाती थी। बालक बालिकाओं के लिए एकमात्र शौचालय था कुल मिलाकर यहां की व्यवस्था बेहद खराब थी। लेकिन शिक्षक ने पहले दिन से ही विद्यालय के भौतिक परिवेश और शैक्षिक समस्याओं में सुधार का निश्चय किया। क्षेत्रीय विधायक और ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर के सहयोग से एक अतिरिक्त कक्ष, हॉल और बालिकाओं के लिए पृथक शौचालय का निर्माण तथा पूरे भवन की पुट्टी सहित रंगाई पुताई करवाई। इसके बाद उन्होंने समाजसेवी श्रीमती अंजली बत्रा विद्यालय को स्मार्ट बनाने के संबंध में चर्चा की। श्रीमती अंजली बत्रा के सहयोग और प्रेरणा से एक समाजसेवी राजा भैया ने अपने जन्मदिवस पर बच्चों की शिक्षा के लिए स्मार्ट कक्ष, टीएलएम और विद्यालय के लिए फर्नीचर उपलब्ध कराया। जिससे भौतिक परिवेश में निखार आ गया। श्रीमती अंजली बत्रा का कहना है कि अभी इस विद्यालय में बच्चों के लिए एक पुस्तकालय तथा पीने के पानी के लिए आरओ भी लगाया जायेगा। आज श्री चाकणकर एवं अंजली बत्रा जी की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि विद्यालय किसी कान्वेंट स्कूल से कम नहीं लगता। जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार का कहना है कि श्री चाकणकर की शिक्षा के प्रति लगन के कारण अब मोहल्लेवालों को अपने बच्चे कांवेंट स्कूलोें में भेजने की आवश्यकता नहीं होगी।
रोजाना होता है योग और प्राणायाम
शिक्षक दिनेश चाकणकर बताते हैं कि जिला योग प्रभारी के नाते पूरे जिले शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों में योग कक्षाओं का संचालन उनकी जिम्मेदारी है इसलिए प्रार्थना के समय उनके विद्यालय के बच्चे रोजाना प्रार्थना के समय योगाभ्यास और प्राणायाम करते हैं। यह विद्यालय जिले का एकमात्र प्राथमिक विद्यालय है जहां बच्चो के पास योगाभ्यास के लिए योगा मैट है। साथ ही भोजन मंत्र के उच्चारण के बाद ही मध्यान्ह भोजन करते हैं।