भवन के सांथ अन्य व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई में हो रही बाधाएं

  • Nov 30, 2022
  • Lekhraj Chakradhari Gariyaband

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भवन के सांथ अन्य व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई में  हो रही बाधाएं 


  केरगांव  -  जिला गरियाबंद (छ.ग ) 

 आदिवासी बाहुल्य ग्राम से 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मौहाभांठा आश्रित ग्राम केरगांव ,मलेवा अंचल में बसे आदिवासियों की बस्ती , जहां पर भुंजिया  जनजाति व गोंड़  समाज के लोग निवासरत  हैं । 

वहीं  प्राथमिक शाला भवन सन् 2006 से जर्जर हो गया , जो  बैठने योग्य नहीं है। इसलिए नया अतिरिक्त भवन की स्वीकृति  अति आवश्यक है । कक्षा 1ली से 5वी तक  के बच्चों को जिस अतिरिक्त भवन में बिठाते हैं वे अतिरिक्त भवन बरसात के दिनों में पानी टपकता है । और बैठने योग्य ये  भवन भी नहीं है । ऐसे भवन में बच्चों को बिठाकर पढ़ाया जाता है  । 

और  पूर्व माध्यमिक शाला में किचन सेट की व्यवस्था भी नहीं  होने के कारण खाना पकाने में भारी परेशानी की समाधान करना पड़ता है  । 

एक तरफ शासन प्रशासन स्वच्छता के ऊपर बड़ी-बड़ी बातें करती है, यहां पर देखा जाए तो  बालका शौचालय कि व्यवस्था  भी नही है। 

कक्षा पहली से पांचवी   तक 02 शिक्षक  हैं।

 शिक्षक की कमी होने के कारण बच्चों की पढ़ाई में बहुंत ज्यादा बाधाएं आ रही है । प्रशासन की अनदेखी के कारण आदिवासी बच्चों की भविष्य खराब होती जा रही है ।  

      साथ ही पूर्व माध्यमिक शाला और प्राथमिक शाला  की सौंदर्य में बाधाएं , वृक्षारोपण तो करते हैं, लेकिन बाउंड्री बाल नहीं होने के कारण  उचित देखभाल नहीं हो पाता जिसके कारण स्वच्छता और सौंदर्य की कमी पाई जाती है ।

 यह जानकारी समाजसेवी मनोज कुमार पटेल, खगेश्वर भुंजिया ,बीरबल सोनवानी, रामेश्वर भुंजिया ,विजय कमार, रेखा राम ध्रुव के सानिध्य में  ग्रामणों ने, जिला प्रशासन की व्यवस्था को नाराजगी जताते हुए ,छबि लाल गोंड़ पोस राम, हरिशंकर , पुनीत राम भुंजिया, भोजराज जगत ,हीरा सिंह मांझी, द्वारा बताया गया । इन सब बिंदु पर जिला प्रशासन को उचित ध्यान देना चाहिए और तत्काल जांच पड़ताल कर भवन ,

बाउंड्री बाल और शिक्षक की अतिशीघ्र मांग किये हैं

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पेयजल की भारी समस्या को लेकर परेशान करना नल जल योजना अधूरा कर छोड़ दिया गया , सीसी रोड को गड्ढा खोद दिए हैं, इसपर  बरसात के दिनों में भारी दलदल व किचड़ होती है । जिस पर आम जनता को चलने में भारी परेशानी का सामना करनी पड़ती है।

ग्रामीणों का कहना है सरकार बड़ी-बड़ी बातें तो करती है जिला कार्यालय से 25 किलोमीटर दूर में  कोई समस्याएं या कार्य अधूरी है ।  तो दूर-दूर की क्या हालत होगी निम्न बिंदु पर जिला प्रशासन उचित व्यवस्था 

करें ।

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