पुष्पांजली टुडे न्यूज
भिण्ड । माता-पिता साक्षात देवता हैं,उनकी सेवा- सुश्रुषा सबसे बड़ी पूजा है डॉ.शिव प्रताप भदौरिया,जिला समन्वयक जिनकी वजह से हमारी वजूद है,आज हम उन्हीं को भुलाते जा रहे हैं : डॉ.धीरज सिंह गुर्जर
माता-पिता से बढ़कर इस दुनियां में कोई नहीं है। वे इस पृथ्वी पर साक्षात देवता हैं। मां-बाप की मन से सेवा ही सच्ची पूजा है। यह बात आज निराश्रित भवन भिंड में दंदरौआधाम निवासी स्वर्गीय भारत सिंह गुर्जर( प्रधानाध्यापक) की छठवीं पुण्यतिथि के अवसर पर जन अभियान परिषद भिंड के जिला समन्वयक डॉ शिव प्रताप सिंह भदौरिया ने कही। उन्होंने कहा पाश्चात्य संस्कृति के चस्का के कारण देश में आज ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं कि हम अपनी भारतीय सनातन संस्कृति को भूलते जा रहे हैं,जिसकी परिणिति दिनोंदिन बढ़ते वृद्धाश्रमों की संख्या के रूप में देखी जा सकती है। पारिवारिक विघटन के चलते आज वृद्धजन निराश्रित भवनों के मोहताज है।
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्र.1, भिण्ड में पदस्थ शिक्षक एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ.धीरज सिंह गुर्जर सुबह तड़के परिवार के साथ अपने पूज्य स्वर्गीय पिता की छठवीं पुण्य तिथि मनाने बायपास रोड भिण्ड स्थित निराश्रित भवन पहुंचे, जहां वृद्धजनों के बीच उनका सम्मान करते हुए पुण्यतिथि मनाई और उनका आशीर्वाद लिया। स्वल्पाहार कराने के उपरांत सभी का रोली चंदन से तिलक कर फूल मालाएं पहनाई और गर्म वस्त्र ऊनी शॉल आदि भेंट किए। उनसे आत्मीयता के साथ चर्चा करते हुए गुर्जर ने कहा कि आप लोगों के बीच बिताए 40- 50 मिनिट के ये पल जीवन का एक विशेष अहसास, अनुभूति दे गए और मानव जीवन की एक बहुत बड़ी सीख भी। जिनकी वजह से हमारी वजूद है,अस्तित्व है,आज हमने उन्ही को भुला दिया।पता नही आधुनिकता और अति स्वार्थ के रंग में रंगी ये नई पीढ़ी किधर जा रही है ।
आज हम जो कुछ भी है,अपने माता-पिता और बुजुर्गों के आशीर्वाद और उनकी दुआओं की वजह से है। उन्ही का आशीर्वाद जीवन में फलीभूत होता है। रामायण में गोस्वामी तुलसीदास जी ने स्पष्ट लिखा है कि चार पदारथ करतल ताकें - प्रिय पितु-मातु प्राण सम जाकें अर्थात जिसको अपने माता-पिता प्राणों के समान प्रिय हैं, चारों पदार्थ (अर्थ,धर्म,काम और मोक्ष) उसकी मुट्ठी में रहते हैं। माता - पिता की सेवा करने वालों को संसार में कुछ भी दुर्लभ नही है।
इस अवसर पर धीरज सिंह गुर्जर के साथ उनकी पत्नी श्रीमती सुशीला गुर्जर,पुत्र मनीष,पौत्र राघव और निराश्रित भवन के डायरेक्टर एम एस कुशवाह,राघवेंद्र तोमर,जगवेंद्र पाराशर,संतोष पाठक,राज श्रीवास,मदन राठौर उपस्थित रहे।